अंतिम व्यक्ति की लड़ाई के लिए जॉर्ज याद किए जाएंगे-; सांसद अरुण कुमार

अंतिम व्यक्ति की लड़ाई के लिए जॉर्ज याद किए जाएंगे-; सांसद अरुण कुमार

अंतिम व्यक्ति की लड़ाई के लिए जॉर्ज याद किए जाएंगे-; सांसद अरुण कुमार

नई दिल्ली- 04 जून 20l8 महात्मा गांधी, राजेंद्र प्रसाद, डॉ राम मनोहर लोहिया, राजनारायण, मधु लिमिए और रविराय जैसे समाजवादियों की सून्यता को भरने के लिएजॉर्ज फ़र्नांडिस याद किए जाते हैं l देश के अंतिम व्यक्तियों की लड़ाई के लिए और उस चुनौतियों को अपने कंधे पे लेने के लिए जॉर्ज हमेशा याद किए जाएंगे l कारगिल के योद्धावों और सेनाओ के लिए जॉर्ज का रक्षा मंत्री के रूप मे किया गया फैसला आज़ादी के बाद देश मे एक इतिहास की तरह है l रविवार को नई दिल्ली के एनडीएमसी सभागार मे समाजवादी आंदोलन के महानायक किसानो, मजदूरो और ट्रेड यूनियन के मसीहा जॉर्ज फ़र्नांडिस के 88वें जन्मदिवस समारोह की अध्यक्षता करते हुए जहानाबाद के सांसद डॉ अरुण कुमार ने यह बात कही l इस मौके पर 88 किलो का केक काटकरजॉर्ज का जन्मदिन याद किया गया l कार्यक्र्म मे सेनाधिकारी की पत्नी और वीररस की कवित्री मंजूसा रंजन ने जॉर्ज को समर्पित कई कवितायें सुनाई lइस मौके पर पूर्व विधायक रामाशीष राय, किसान नेता अनिल तलान, बेंगलूर से आए जय कृष्ण शेठी, केरल से आए मो॰ आसिफ, हरियाणा से आए समशेर सिंग दहिया, गांधीवादी सुरेन्द्र कुमार, खुर्शीद अनवर, विज्ञान सावरूप सिंह, मेजर अमर सिंह चौहान, उत्तम गढ़े, युवा नेता रामपुकार सिन्हा,अजय राय, सुधीर त्यागी, सचितानन्द राय, पूर्व मंत्री केदारनाथ सिंह, चाँद धूलिया, राष्ट्रवादी जनता पार्टी के अधयक्ष अनिल भारती सहित अन्य लोग मौजूद थे l कार्यक्र्म का संचालन समाजवादी नेता सादात अनवर ने की l वक्ताओ ने कहा की आज के माहौल को देखते हुए सांसद डॉ अरुण कुमारको जॉर्ज का मानसपुत्र घोसीट करने मे हमे गर्व हो रहा है l

                सांसद डॉ अरुण कुमार ने कहा की जॉर्ज समाजवाद के जनक और देश के उन लोगो के लिए प्रेरणा स्रोत है जो देश मे चल रहे अवसरवादी राजनीति को दर किनार कर अपना रास्ता तलास रहे हैं l किसान आंदोलन राजनीति की भेंट चढ़ गई है और इसे पटरी पर लाने की चुनौती हमारे सामने मुह बाए खड़ी है l उन्होने कहा की समाजवाद पूंजीवाद का शिकार हो गया है, पूंजी लोगो को भोगवादी संस्कृति की ओर ले जा रही है l तब जॉर्जफ़र्नांडिस जैसे व्यक्ति इसलिए याद आते हैं चुकी संसद से लेकर सड़क तक और खेत-खिलिहानों से लेकर मज़दूरों के बीच वे एक जैसे थे l उन्होने कहा की अंतिम व्यक्ति की लड़ाई पूंजी से नही हो सकती श्रम से ही लड़ी जा सकती है l जॉर्ज फ़र्नांडिस हमारे लिए उस धरोहर के समान हैं जिसके बिना हम जैसे लोगों की कल्पना नही की जा सकती l